रावण जब रणभूमि में मृत्युशय्या पर अंतिम सांसे ले रहा था तब उसने श्री राम से कहा-
- 'राम मैं तुमसे हर बात में श्रेष्ठ हूँ।
- जाति मेरी ब्राह्मण हैं, जो तुमसे श्रेष्ठ है।
- आयु में भी तुमसे बड़ा हूँ,
- मेरा कुटुम्ब तुम्हारे कुटुम्ब से बड़ा है।
- मेरा वैभव तुमसे अघिक हैं,
- तुम्हारा महल स्वर्णजड़ित है परन्तु मेरी पूरी लंका ही स्वर्ण नगरी है,
- मैं बल और पराक्रम में भी तुमसे श्रेष्ठ हूँ,
- मेरा राज्य तुम्हारे राज्य से बड़ा है,
- ज्ञान और तपस्या में तुमसे श्रेष्ठ हूँ।
- इतनी श्रेष्ठताओं के होने पर भी रणभूमि में मैं तुमसे परास्त हो गया।
सिर्फ इसलिये कि तुम्हारा भाई तुम्हारे साथ है,
और मेरा भाई विभीषण..............!!!
रावण गुणों की खान था तभी श्री राम ने रावण से ज्ञान लेने के लिए अपने छोटे भाई लक्ष्मण जी को आदेश दिया था । बिना भाई के साथ के जब रावण हार सकता है तो हम किस घमंड में है ..? सदा साथ रहिये सदा विजय रहिये ...... सभी को कोशिश करनी चाहिए की कभी परिवार टूटे नही।
अगर इसी बात को देश के सन्दर्भ में कहा जाये तो हमेशा देशवासी का साथ दीजिये ... हालात चाहे कैसे भी हों , हमेशा अपने देश के नागरिक की सहायता कीजिये । जिस प्रकार परिवार की एकता भाइयो की एकजुटता पर निर्भर करती है उसी प्रकार देश की अखंडता और एकता हम नागरिको पर निर्भर करती है l
और मेरा भाई विभीषण..............!!!
रावण गुणों की खान था तभी श्री राम ने रावण से ज्ञान लेने के लिए अपने छोटे भाई लक्ष्मण जी को आदेश दिया था । बिना भाई के साथ के जब रावण हार सकता है तो हम किस घमंड में है ..? सदा साथ रहिये सदा विजय रहिये ...... सभी को कोशिश करनी चाहिए की कभी परिवार टूटे नही।
अगर इसी बात को देश के सन्दर्भ में कहा जाये तो हमेशा देशवासी का साथ दीजिये ... हालात चाहे कैसे भी हों , हमेशा अपने देश के नागरिक की सहायता कीजिये । जिस प्रकार परिवार की एकता भाइयो की एकजुटता पर निर्भर करती है उसी प्रकार देश की अखंडता और एकता हम नागरिको पर निर्भर करती है l
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